3 मासूमों को रेलवे स्टेशन पर लावारिस छोड़ गए मां-बाप, RPF ने किया यह काम
मध्य प्रदेश के ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को 3 मासूम बच्चे लावारिस हालत में मिले हैं। इनमें दो बच्चियां और एक लगभग दो माह का नवजात लड़का शामिल हैं। लावारिस मिले बच्चे अपने माता-पिता के बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तीनों बच्चों को संभवत: उनके माता-पिता ही स्टेशन पर छोड़ गए हैं। फिलहाल आरपीएफ इन बच्चों के माता-पिता को तलाश करने में जुट गई है। वहीं नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि दोनों बच्चियों को बालिका गृह भेज दिया गया है।
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर देर रात आरपीएफ को यात्रियों ने सूचना दी कि तीन बच्चे स्टेशन के बुकिंग काउंटर के पास काफी समय से लावारिस हालत में बैठे हुए हैं। आरपीएफ ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तीनों बच्चों को अपनी देखरेख में ले लिया। तीनों बच्चों में दो बच्चियां और एक नवजात लड़का शामिल है। पूछताछ में बच्चियों ने अपने नाम अंजली उम्र 7 साल और अर्पिता उम्र 6 साल बताए हैं। साथ ही नवजात के शरीर पर झुलसने के निशान भी मिले हैं। ऐसे में आरपीएफ ने नवजात शिशु को कमला राजा अस्पताल में भर्ती करा दिया है। वहीं दोनों बच्चियों को भी महिला एवं बाल विकास विभाग की मदद से मां कैला देवी बालिका गृह समिति के सुपुर्द कर दिया गया है। बच्चे अपने माता पिता के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे हैं।
आरपीएफ कहना है कि पूछताछ में पता चला है कि बच्चे संभवत: धौलपुर की तरफ से अपने माता-पिता के साथ ग्वालियर आए होंगे। वहीं रेलवे स्टेशन पर घूमने वाले एक ऑटो चालक ने भी आरपीएफ को बताया है कि बच्चों के साथ उनके माता-पिता को देखा गया था। हालांकि, जिस स्थान पर बच्चे मिले हैं उस जगह कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। ऐसे में बच्चों के माता-पिता के बारे में पता लगाना आरपीएफ के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण होगा।
3 मासूमों को रेलवे स्टेशन पर लावारिस छोड़ गए मां-बाप, RPF ने किया यह काम
ग्वालियर रेलवे स्टेशन आरपीएफ थाना इंस्पेक्टर संजय आर्या ने बताया कि आरपीएफ रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज बारीकी से देख रही है और बच्चों के फोटो आदि से जुड़ी जानकारी अन्य रेलवे स्टेशन प्रबंधन को भी दे दी गई है। उम्मीद है कि आरपीएफ जल्दी ही इन बच्चों के माता-पिता को ढूंढने और उन तक पहुंचाने में सफल होगी। उसके बाद ही खुलासा हो सकेगा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी जो माता-पिता ने अपने मासूमों को रेलवे स्टेशन पर लावारिस छोड़ दिया?